
लोकसभा में सिद्धार्थनगर में APEDA केन्द्र स्थापना की मांग
सूरज गुप्ता
सिद्धार्थनगर।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सांसद जगदम्बिका पाल ने सिद्धार्थनगर में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) केन्द्र स्थापित करने की बुधवार को मांग उठाई। उन्होंने कहा कि कालानमक चावल जिसे ‘बुद्ध का महाप्रसाद’ कहा जाता है, सिद्धार्थनगर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के दस जिलों में उगाया जाता है। इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए इसे ‘बुद्ध चावल’ के रूप में ब्राण्डेड किया गया है, जिससे इसे विशेष रूप से बौद्ध देशों में निर्यात किया जा सकें। श्री पाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना के तहत कालानमक चावल को बढ़ावा दे रही है। 2020 में इसका खेती क्षेत्र 5,000 हेक्टेयर था, जो 2021 में बढ़कर 12,000 हेक्टेयर हो गया। इसमें 11% प्रोटीन होता है, जो सामान्य चावल से लगभग दोगुना है, और इससे प्रति इकाई क्षेत्र में तीन गुना अधिक मुनाफा होता है। इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जैसे यह रक्तचाप, मधुमेह और त्वचा संबंधी समस्याओं में सहायक है।
श्री पाल ने कहा कि कालानमक चावल भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सिद्धार्थनगर में APEDA केन्द्र स्थापित किया जाए और अंतरराष्ट्रीय बाजार, विशेषकर बौद्ध देशों में, इसे बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की जायें।