
विद्यालय में दिव्यांग बच्चों के लिए सुनिश्चित करें समावेशी शिक्षा – अरुण कुमार
सूरज गुप्ता
सिद्धार्थनगर।
सभी नोडल शिक्षकों को दिव्यांग बच्चों के प्रति विचारशील, सम्वेदनशील और निष्पक्ष होना चाहिए।अभिभावकों एवं स्पेशल एजुकेटर्स के साथ एक समन्वय रणनीति बनाकर समावेशी शिक्षा के तहत सभी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। दिव्यांग बच्चा किसी एक मामले में अक्षम होता है, बाकी सभी मामलों में सक्षम होता है। उसके अन्दर सीखने समझने की क्षमता अधिक होती है। उपरोक्त आशय का विचार खण्ड शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने ब्लॉक संसाधन केन्द्र बर्डपुर के सभागार में समेकित शिक्षा के अन्तर्गत दिव्यांग बच्चों के समावेशी शिक्षा हेतु नोडल शिक्षकों के पांच दिवसीय द्वितीय चक्र के प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने सभी शिक्षकों से दिव्यांग बच्चों के मध्य आत्म विश्वास जागृत करने का सुझाव दिया।
प्रशिक्षण का सफल संचालन प्रशिक्षक एवं स्पेशल एजुकेटर्स विनोद कुमार मिश्र, राकेश चौधरी, सतीश चन्द्र ने किया। प्रशिक्षण के दौरान पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला महामंत्री कलीमुल्लाह, जिला स्काउट मास्टर महेश कुमार, बुद्धिराम, अब्दुल अज़ीज़, ओम प्रकाश त्रिपाठी, ज़ुबैर अहमद उस्मानी, सालिक राम चौधरी, मोहम्मद आजाद, राम सेवक, शब्बीर अनवर अंसारी, सेराज अहमद, फौजिया नाज़, रुचि त्यागी, बंदना सिंह, आरती सिंह, रीना मालिक, रेनू खान, उमा मिश्रा, विभा यादव आदि शिक्षक मुख्य रूप से उपस्थित रहें।