
आर्य महिला पी.जी. कॉलेज द्वारा आयोजित ‘सप्तदिवसीय विशेष शिविर का आयोजन।
रोहित सेठ
वाराणसी राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई -सी, आर्य महिला पी.जी. कॉलेज ,सम्बद्ध-काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘सप्तदिवसीय विशेष शिविर’ के प्रथम दिवस का आयोजन सन्त रविदास घाट पर किया गया। सर्वप्रथम स्वयंसेविकाओं ने घाट की सफाई की एवं लक्ष्यगीत गाया।
कार्यक्रम का आरम्भ दीपप्रज्वलन एवं मंगलाचरण से हुआ। कार्यक्रम अधिकारी- डॉ. पुष्पा त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि -श्री कमल कुमार शुक्ल, जिला आबकारी अधिकारी ,सहायक आबकारी आयुक्त वाराणसी, विशिष्ट अतिथि – श्री कृष्ण कुमार मिश्र, आबकारी निरीक्षक, सारस्वत अतिथि- श्रीकान्त तिवारी का माल्यार्पण एवं उत्तरीय प्रदान कर स्वागताभिनन्दन किया।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि ने स्वयं सेविकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा- कि मैं आबकारी विभाग में रहते हुए शराब को हाथ नहीं लगाता। बुराई में रहते हुए भी हमें उसमें लिप्त नहीं होना चाहिए। उन्होंने प्रेरणादायक अपनी लिखी हुई कविताओं कहानियों को सुनाया।
श्री कृष्ण कुमार मिश्र जी ने अपने जीवन के अनुभव को छात्राओं तक सम्प्रेषित किया। उन्होंने बताया कि हमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करनी चाहिए तथा लक्ष्य को निर्धारित करके ही आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे आप वर्दी में जरूर देख रहें हैं पर मेरी आत्मा शिक्षक की ही है। 2006 से 2015 तक मैं हिन्दी प्रवक्ता के पद पर कार्य करता रहा। पी.सी. एस. की परीक्षा पास कर जब विद्यालय छोड़ने लगा तो मैने कहीं भी रहूँ विद्यार्थियों के बीच में जाने का अवसर जब भी मुझे प्राप्त होगा मैं अवश्य जाऊँगा।
श्रीकान्त तिवारी जी ने कहा कि आप जिस स्थान पर बैठे हैं वह केदारखण्ड में सन्तशिरोमणि रविदास जी का प्रांगण है । यह काशी अद्भुत नगरी है। आप सौभाग्यशाली हैं जो आप यहाँ से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
गवर्नमेंट गर्ल्स काॅलेज ,गुडग़ांव, हरियाणा के अंग्रेजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रामबीर जी का व्याख्यान हुआ। 15 वर्ष तक अध्यापन करने के बाद इन्होंने सबकुछ त्याग दिया।अब अध्यात्म में लगे रहने वाले महात्मा ने अपने वक्तव्य में कहा- शिक्षा को जीवन से जोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। कण-कण में भगवान् हैं यदि उन्हें जान लिया तो सबकुछ जाना जा सकता है।राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविकाओं ने अतिथियों का स्वागत लक्ष्यगीत एवं ताल से किया।