
मध्यम वर्ग को खुश करने वाला बजट।
प्रोफेसर जगदीश सिंह विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग हरिशचंद्र पी जी कॉलेज वाराणसी एवं रीजनल ज्वाइंट सेक्रेटरी इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन।
रोहित सेठ
मोदी-3 का बजट माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन का यह आठवां बजट है। इस बजट में वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग का विशेष ख्याल रखा है । इसे विकसित भारत 2047 का रोड में तैयार करने में काफी हद तक सफलता मिलेगा। वर्ष 2025 -26 का यह बजट विकास में तेजी लाने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने, भारत के मध्यम वर्ग के खर्च करने की शक्ति को बढ़ाने का प्रयास है। आज हम लोग 21वीं सदी की यात्रा पूरी कर रहे हैं। देश के सामने जो प्रतिकूल परिस्थितियां है उसे दूर करते हुए हम विकसित भारत की कल्पना साकार करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं । विकसित भारत का सपना तभी हम साकार कर सकते हैं जब गरीबी से मुक्ति, सत प्रतिशत स्कूली शिक्षा की प्राप्ति, सर्व सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं, सत प्रतिशत कुशल कामगार, सभी को रोजगार, कृषि में आत्मनिर्भरता, ग्रामीण संपन्नता, नवाचार को बढ़ावा देना और निर्यात को बढ़ावा देना इन सब चीजों में हम सफलता प्राप्त कर ले तभी विकसित भारत की संकल्पना साकार हो सकती है। इन सब चीजों का ध्यान रखते हुए वित्त मंत्री द्वारा यह बजट प्रस्तुत किया गया है। जब हम आय कर की बात करते हैं तो इसमें 12 लाख तक की व्यक्तिगत आय वालों को कर मुक्त किया गया है इससे मध्यम वर्ग को काफी सहूलियत मिलेगी। खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी । इनकम टैक्स के स्लैब को बढ़ाकर सरकार ने नौकरी पेशा वर्ग को लाभ पहुंचाने का काम किया यह एक अच्छा कदम है। किसानों को केसीसी पर ऋण लेने की क्षमता बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए 5 करोड़ से बढ़कर 10 करोड़ , स्टार्टअप के लिए 10 करोड़ बढ़कर 20 करोड़ किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण की सहायता, मेक इन इंडिया को आगे बढ़ना, बिजली क्षेत्र में सुधार, परमाणु ऊर्जा मिशन का विकास, खनन क्षेत्र में सुधार, रोजगार प्रेरित विकास के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को 74% से बढ़कर 100% किया जाएगा। वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 4.8 प्रतिशत है जबकि 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। इससे बजट में राजकोषीय प्रशासन की झलक दिखाई देती है। व्यक्तिगत आयकर सुधार में मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। वर्ष 2025-26 के लिए आयकर की नई व्यवस्था में चार लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा । 4 लाख से 8 लाख तक 5%, 8 से 12 लाख तक 10%, 12 से 16 लख तक 15%, 16 से 20 लाख रुपए तक 20%, 20 से 24 लाख तक 25% और 24 लाख रुपए से अधिक पर 30% कर रखा गया है। ऐसे आय वाले व्यक्ति जिसकी इनकम 12 लख रुपए से अधिक नहीं है उनको कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह मध्यवर्ग के लिए बहुत बड़ा लाभ है। इस प्रकार यह बजट दूरदर्शी बजट है इसमें विकसित भारत 2047 की कल्पना दिखती है मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचा कर बचत को बढ़ाने उनकी क्रय शक्ति की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया गया है जिससे अर्थव्यवस्था में डिमांड बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था प्रोत्साहित होगी। इस बजट से यह बात साफ स्पष्ट है कि अब न्यू टैक्स रिजीम ही लोग अपनाएंगे। ओल्ड टैक्स रिजिम अपने आप समाप्त हो जाएगा।