काशी विश्वनाथ दल का चतुर्थ स्थापना दिवस पर असहाय एवम जरूरत मंद गरीबों में आवश्यक सामग्री खाने का वितरण किया गया।
रोहित सेठ

काशी विश्वनाथ दल का चतुर्थ स्थापना दिवस पर असहाय एवम जरूरत मंद गरीबों में आवश्यक सामग्री खाने का वितरण किया गया सभी प्रदेश अध्यक्ष ने अपने अपने यहां जरूरत मंद के हिसाब बच्चों में, बढ़ो बुजर्गो में ,तो कोई अनाथआलय में काशी विश्वनाथ दल के सदस्य लोगों ने मिलकर स्थापना दिवस मनाया,,,मुख्य रूप से काशी विश्वनाथ दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जंत्रलेश्वर यादव ने कहा और संस्था के मूल बातो को बताया।काशी विश्वनाथ दल के चतुर्थ स्थापना दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं बधाई। काशी विश्वनाथ दल के गौरवशाली इतिहास हमारे आराध्य देव,देवो के देव महादेव के उपदेशों को जन मानस तक पहुंचाने और उसे संरक्षित एवं संवर्धित कर आगे लेकर चलने का नाम है काशी विश्वनाथ दल। काशी विश्वनाथ दल 1952 से ही इसका बीज गोलोक वासी तेजू सरदार जी द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर से पढ़ चुका था जो कि आज पूरे देश में अपना परचम लहरा रहा है जो कि अब एक विशाल वटवृक्ष का रूप ले लिया है काशी विश्वनाथ दल चैरिटेबल ट्रस्ट रजिस्टर्ड संस्था है जो कि हर राज्य में संस्था के सक्रिय सदस्य एवं प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त हो रहे हैं प्रदेश अध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि वह अपने अपने राज्य में निराश्रितो, गरीबों , असहायों,के लिये कार्य करे,जीसके लिये काशी विश्वनाथ दल संकल्पित है।काशी विश्वनाथ दल सभी धर्मों का सम्मान करता है।कोई भी व्यक्ति कीसी भी धर्म का हो। जरूरतमंद व्यक्ति का मददगार बनकर संस्था मदद करती हैं। काशी विश्वनाथ दल का उद्देश्य गरीबों, असहायों, निराश्रितों, जरुतमन्दों, कुष्ठ रोगियों, मंदिरों, धर्मशालाओं, एवम धर्मिक स्थलों के लिए सदैव कार्य करती है।काशी विश्वनाथ दल द्वारा सावन के प्रथम सोमवार को शीतला घाट से परंपरागत परंपरा के अनुसार यदुवंशियों के अगुवाई में जल भरकर बाबा विश्वनाथ जी को गर्भ गृह में जलाभिषेक करती है। धर्मिक अनुष्ठान, जन कल्याणकारी कार्य ,माँ गँगा के लिए, घाटों के लिए, घाटवाक के माध्यम से इसके अलावा 58 बिंदुओं पर काशी विश्वनाथ दल कार्य करती है।आज से सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है।