रिर्पोट नसीम अहमद
स्योहारा। गोदामों से राशन डीलरों तक पहुचा रहा सड़ा गला गेंहू जवाब देहि पर सम्बन्धित अधिकारी मोन। देश भर में चल रही हर माह मुफ़्त राशन वितरण की सरकारी योजना के तहत राशनकार्ड धारकों को वर्तमान में जो गेंहू मिल रहा है उसकी हालत ऐसी है कि इंसान तो क्या उसे जानवर खाकर बीमार हो जायेगे। सरकारी अमले व ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते अच्छे गेंहू की काला बाजारी व खराब गेंहू की कम दामो में खरीदारी उपभोगताओं के हक पर डाका डालने के साथ साथ उनका स्वास्थ्य भी खराब कर रहा है।
राशन डीलर की दुकान पर खराब गेंहू को लेकर हर दिन विवाद हो रहा है।जिसमे डीलरों का कहना है कि हमारे पास जैसा आया है हम उसी रूप में उसे बांट रहे है। गेंहू की गुडवत्ता की जांच करना सम्बन्धित विभाग का काम है। गले सड़े व पूरी तरह से खराब गेंहू का वितरण करने में भूमिका पूर्ति विभाग की व ठेकेदारों की होनी चाहिए। गोदाम पर तैनात कर्मचारियों की हो या राशन डीलरों की जो भी हो लेकिन हकीकत यही है कि मजबूरी वश उपभोगता गले सड़े गेंहू को लेने को मजबूर हो रहे है।
