रिपोर्ट:राहुल राव

वाराणसी। महाशिवरात्रि पर अपने विवाहोत्सव के दिन भोलेनाथ भक्तों के साथ पूरी रात जागेंगे। लगातार 45 घंटे तक श्री काशी विश्वनाथ दरबार खुला रहेगा। 18 फरवरी की भोर में 2:15 बजे मंदिर के पट मंगला आरती के लिए खुलेंगे तो दूसरे दिन 19 फरवरी की रात 11 बजे शयन आरती के बाद ही बंद होंगे। साल में एक बार महाशिवरात्रि के दिन ही बाबा दरबार पूरी रात खुला रहता है। विवाह की रस्मों के बीच चार पहर बाबा विश्वनाथ का अलग-अलग श्रृंगार और पूजा आरती होती है।


काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि 18 फरवरी की सुबह 2.15 से 3.15 बजे तक मंगला आरती चलेगी। भोर में साढ़े तीन बजे दर्शनार्थियों के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। मध्याह्न भोग आरती दोपहर 12 से 12.30 बजे तक चलेगी। रात 11 बजे से शुरू चार पहर की आरती सुबह 6.15 तक चलेगी। हर आरती से 10 मिनट पहले शंखनाद होगा और गर्भगृह में प्रवेश रोककर पूजा की तैयारी की जाएगी।
होगा हल्दी तेल का लोकाचार

श्री काशी विश्वनाथ धाम के महंत आवास पर महाशिवरात्रि अनुष्ठान 16 फऱवरी से ही शुरू हो जाएगा। संख्याकाल में बाबा के रजत विग्रह के समक्ष हल्दी-तेल का लोकाचार पूर्ण किया जाएगा। 17 फऱवरी से महाशिवरात्रि महोत्सव की शुरूआत होगी। महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में सुरों की गंगा बहेगी। शंकराचार्य चौक में भजन गायिका तृप्ती शाक्या व आर्यन मिश्रा सुर लगाएंगे। वहीं पद्मश्री शिवनाथ मिश्रा व देवब्रत मिश्रा सितार वाहन करेंगे।


रोडवेज चलाएगा विशेष बसें

महाशिवरात्रि पर काशी पहुंचने वाले शिव भक्तों की सुविधा के लिए रोडवेज प्रशासन विशेष बसें संचालित करेगा। क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि कैंट बस स्टेशन से जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर के लिए 50-50 अतिरिक्त बसों का संचालन किया जाएगा। बसों का संचालन 16 से 20 फरवरी तक होगा।

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