आज दिनांक 5 जून पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर भारत की प्रतिष्ठित संस्था बहुआयामी शिक्षा तकनीकी एम अनुसंधान ऑर्गेनाइजेशन व बहुआयामी सामाचार अध्यक्ष श्रीमान के एम आमिश जी ने एरा विश्वविद्यालय के औषधि पौधसाला मेडिसिनल गार्डन में पौधे की महत्व को समझाते हुए आरोपित किए कई प्रकार के पौधे कर्मचारियों को बताया पौधों का औषधीय उपयोग वहीं के एम आमिश जी के द्वारा एरा प्रशासन से विभिन्न प्रकार के औषधि मेडिसिनल पौधों को को उगाने व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खुद की मेडिसिनल गार्डन बनाने की मांग व सुझाव प्रेषित किया है अतः साथ ही साथ भारत सरकार से व उत्तर प्रदेश किसानों से अनुरोध किया है कि वह मेडिसिनल खेती की और बढ़ावा दें भविष्य में भारत जैसा देश आयुर्वेदिक व यूनानी में एक महारत मिसाल कायम कर सकता है पुराणों वेदों से ज्ञात है कि भारत आयुर्वेदिक के क्षेत्र में सर्व भूमिका निभा चुका है वह विश्व में अपनी पहचान बनाए हुआ है ऐसे में वर्तमान में ऐसा देखा जा रहा है की मेडिसिनल प्लांट का दिन पर दिन महत्व घटता चला जा रहा है जबकि संस्थान के अनुसार भारत में ऐसे भी अनेक प्रकार के मेडिसन पौधे ज्ञात हैं जिससे कि समस्त प्रकार के रोगों का निराकरण किया जा सकता है अस्पतालों मेडिकल से निराकरण पाया जा सकता है बशर्ते उनको सही से समझ कर उनका लिखित दस्तावेज तैयार कर विश्व स्तर लेवल पर शोध पत्र प्रकाशित करने की आवश्यकता है
यह भी कहा कि उनकी संस्था सरकार से यह आशा वा उम्मीद करती है कि भारत सरकार औषधीय पौधों व मेडिसिनल प्लांट के लिए एक अलग से विभाग का गठन करे और संपूर्ण भारत के प्रत्येक जनपद पर एक मेडिसिनल गार्डन का निर्माण कराए ताकि नए शोधों का रुझान भारतीय औषधीय पौधों की ओर आकर्षित हो सके और स्वदेशी दवाओं को निर्मित करके बहुत मामूली खर्च में औषधियों का निर्माण किया जा सके सीधे तौर पर एलोपैथिक दवाओं को चैलेंज किया जा सके यह भी कहा कि सामाजिक संस्था बहुआयामी इस हेतु निरंतर प्रयास करती रहेगी।
