
सप्तदिवसीय विशेष शिविर के पाँचवें दिन लक्ष्यगीत एवं ताल से कार्यक्रम का आरम्भ हुआ।
रोहित सेठ
वाराणसी शुक्रवार को संत रविदास घाट पर आयोजित सप्तदिवसीय विशेष शिविर के पाँचवें दिन लक्ष्यगीत एवं ताल से कार्यक्रम का आरम्भ हुआ। घाट पर सफाई करने के उपरान्त शारीरिक रूप से सुदृढ़ रहने के लिए छात्राओं ने खेेल का आयोजन किया जिसमें, इन- आउट, डंकी- मंकी , बैडमिंटन ,खो-खो आदि खेल सम्मिलित रहे।
आज की मुख्य वक्ता- डॉ मंजू मेहरोत्रा,प्राध्यापिका- गृहविज्ञानविभाग, आर्य महिला पी.जी. कॉलेज वाराणसी रहीं। इन्होंने बताया -संयुक्त परिवार के न रह जाने के कारण आजकल विवाह के पूर्व काउंसलिंग की आवश्यकता पड़ रही है। उसका सबसे बड़ा कारण है कि बच्चे अपनी पढ़ाई, नौकरी की व्यस्तता के कारण अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाते। न तो समय से सोते हैं और न समय से उठते हैं और ना ही पौष्टिक भोजन कर पाते हैं। हमारी अगली पीढ़ी फास्ट फूड पर निर्भर होती जा रही है। हमारे लिए संतुलित भोजन करना अत्यन्त आवश्यक है। ऐसा भी होता है कि आप बिना खाए कॉलेज चले आते हैं । यदि आप कुछ और ना खा सके ,बनाने की सुविधा आपके पास नहीं है ,खाने का समय आपके पास नहीं है तो कम से कम आप अंकुरित चना, भुना चना, गुड़ खा सकते हैं जिससे आपको आयरन और प्रोटीन मिलेगा । यदि शरीर कमजोर होता है तो विवाह के बाद गर्भधारण करने में भी समस्या होती है। उसका प्रभाव नवजात शिशु पर भी पड़ता है। हमें कुछ ऐसा सोचना चाहिए जिससे हमें आयरन, कैल्शियम ,विटामिन भरपूर मात्रा में मिल सके। दूध कैल्शियम का सबसे मुख्य स्रोत है। जब पति-पत्नी दोनों स्वस्थ रहेंगे तो ही नवजात शिशु भी स्वस्थ उत्पन्न होगा । दूध, पनीर,फल, हरी साग-सब्जी दाल, टमाटर यह बेसिक चीजें गर्भवती महिलाओं को अवश्य खानी चाहिए।
12 से 20 वर्ष की अवस्था में शरीर के हारमोंस बदलते हैं । इसमें महिलाओं और पुरुषों दोनों में शारीरिक परिवर्तन होता है , उस दृष्टि से भी पौष्टिक आहार आवश्यक है।उन्हें एक गिलास दूध अवश्य पीना चाहिए । भोजन में दाल, चावल, रोटी, सब्जी ,मौसमी फल का सेवन करना चाहिए । लड़कियों में UTI की समस्या का प्रतिशत ज्यादा बढ़ गया है। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण उपाय है स्वच्छता। यदि हम अपने आसपास के स्थान को, अपने शरीर को स्वच्छ रखेंगे तो हम इन सब बीमारियों से बच सकते हैं।
दूसरे सत्र में स्वयंसेविकाओं ने विभिन्न विषयों को लेकर पोस्टर पेंटिंग बनाई और समापन के दिन के लिए अभ्यास किया। कार्यक्रम का संचालन-सुश्री अंशू राज तथा मंगलाचरण -सुश्री संगम ने किया।