जीवन ज्योति विकलांगतार्थ संस्थान ने बड़े धूमधाम से मनाया 50वा वर्ष।

रोहित सेठ

वाराणसी सारनाथ स्थित जीवन ज्योति विकलांगतार्थ संस्थान अपने स्वर्ण जयंती के अवसर पर संस्था के प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य था कि ईश्वरीय वरदान एवं अनुकम्पा से अनुग्रहीत होकर क्वीन ऑफ अपोस्लस सोसाईटी, वाराणसी की बहनो ने अन्धेरे में दीप जलाने का प्रयास 9 जून 1975 में एक नेत्रहीन बालिका से जीवन ज्योति नेत्रहीन विद्यालय का शुभारम्भ किया था जो समय के साथ-साथ एक विशाल वृक्ष का रूप धारण किया है, जिसमें दृष्टिवान एवं दृष्टि दिव्यांग बालिकाऐ एक साथ समावेशित वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर रही है। जिसका मिशाल बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य, गीत, संगीत एवं नाटिका के माध्यम से देखने को मिला। कार्यक्रम में आये हुए मुख्य अतिथि राइट रेवरेन डा० यूजिन जोसेफ, विशप, वाराणसी, अतिविशिष्ट अतिथि प्रोफेसर वांगचुक दोर्जे नेगी कुलपति सी०आई०एच०टी०एस० वाराणसी, हिमान्शु नागपाल आई०ए०एस०, सी०डी० ओ० वाराणसी, सिस्टर मेवेल कन्नथ अध्यक्ष क्वीन ऑफ अपोस्लस सोसाईटी, वाराणसी श्री आर० पी० सिंह, जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी वाराणसी, सिस्टर आईरीन गोंसाल्वेस संस्था की संस्थापिका, फार्टस् सिर्स्टस्, अतिथियों, बच्चों के माता-पिता, अभिभावकगण, पत्रकारबन्धु एवं दर्शक दीर्घा में बैठे सभी गणमान्य अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत सिस्टर लिमा जोसेफ प्रिसिपल जीवन ज्योति हायर सेकेन्ड्ररी द्वारा किया गया। दीप प्रज्वलन-राइट रेवरेन डा० यूजिन, विशप, प्रोफेशर डा० वान्ग डोरजी नेगी कुलपति श्री हिमान्शु नागपाल, सिस्टर मेबेल कन्नथ, आर० पी० सिंह, सिस्टर आईरीन गॉसाल्वेस, सिस्टर स्वेता ने दीप प्रज्वलन किया।

कौन दिशा में पाऊ तुझको हर दिशा में छा जाओं” के बोल पर दृष्टि दिव्यांग बालिकायें-अनिता, श्रेया, शशि, गुलनाज इत्यादि ने ईश्वरीय वन्दना नृत्य प्रस्तुत कर, दर्शकों को ईश्वरीय आराधाना में लीन कर दिया।
“नईसृष्टि” नामक लघु नाटिका के माध्यम से “जीवन ज्योति संस्था की उत्पत्ति की गाथा बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया जो संस्था की संस्थापिका सिस्टर आईरीन की लगन, तपस्या संकल्प एवं समर्पण की कहानी कलाकारों एवं पात्रों की जुबानी थी. जिसे लिखित एवं निर्देशित फादर प्रनॉय द्वारा किया गया था।हिमांशु नागपाल आई०ए०एस०, मुख्य विकास अधिकारी वाराणसी ने कहा कि जीवन ज्योति संस्थान दृष्टि दिव्यांग एवं अन्य सभी प्रकार के दिव्यांगों के शिक्षण, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास का कार्य पिछले पचास वर्षों से कर रहा है, जो अति सराहनीय एवं प्रशंसनीय है। दिव्यांगों के हितार्थ जो भी कार्य मेरे संज्ञान में लाया जायेगा, उस कार्य को यथा शीर्घ करने का प्रयास करूगां। इनके द्वारा चलाये जा रहे समावेशित विद्यालय प्रदेश के लिए एक मॉडल का कार्य कर रहा है। समाज के लोगो को इनसे सीखना चाहिए। इस अवसर पर संस्था की संस्थापिका सिस्टर आईरीन गॉसाल्वेस द्वारा अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया।
संस्था की संस्थापिका सिस्टर आईरीन गोसाल्वेस एवं सह संस्थापिका सिस्टर अनुपा के प्रेम, त्याग, समर्पण एवं लगन का परिणाम है-स्वर्ण जयतीं समारोह। इस अवसर पर संस्था की निदेशिका सिस्टर स्वेता द्वारा अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया।

लगे। इस अवसर पर सिस्टर मोनिका द्वारा अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिन्ह दे कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राइटरेवरेन डा० यूजिन जोसेफ, बिशप, वाराणसी द्वारा संस्था का स्मारिका का विमोचन किया गया तथा इन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन ज्योति अपने कार्यों द्वारा समाज में ज्योति जलाने का कार्य कर रहा है।बच्चो द्वारा धन्यवाद नृत्य प्रस्तुत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन मुकेश नारायण ने किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की छात्राऐ ईशा, आरोही, रितिका, माही, दिव्यांशी, अनिका द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय परिवार का सहयोग सराहनीय रहा।

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