लखनापुर के बालाजी की महिमा है निराली
रिपोर्ट आकाश मिश्र
बहुआयामी समाचार
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24OCT2024LMP001784
कहा जाता है कि यहां रोते रोते आने वाले हंसते-हंसते जाते हैं। भूत प्रेत तथा सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति बालाजी दिलवाते हैं। इसके साथ ही यहां स्थित माता काली का मंदिर जो कि भूत बाधाओं आदि से घर की सुरक्षा करती हैं और जो भी यहां आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर के पुजारी कौशल किशोर मिश्रा के अनुसार प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठा होती है एवं बालाजी का दरबार लगता है यूं तो श्रद्धालु हर दिन आते हैं लेकिन मंगलवार और शनिवार की कुछ खास महिमा है। भक्तगण हनुमान जी को बेसन के लड्डुओं का भोग लगाते हैं तथा सुबह एवं सायं आरती एवं संध्या वंदन भी होता है। ऐसा माना जाता है कि यहां अर्जी लगाने वाले की अर्जी बालाजी महाराज स्वीकार करते हैं एवं सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं किंतु उसके लिए मांस मदिरा आदि को छोड़ना पड़ता है क्योंकि बालाजी महाराज बहुत ही सात्विक प्रकृति के देवता हैं। ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठा होती है एवं विशाल भंडारे का आयोजन होता है तथा “भूत पिशाच निकट नहि आवे, महावीर जब नाम सुनावे। नाशै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत वीरा” का गुंजन होता रहता है। लखीमपुर मैगलगंज मार्ग पर बेहजम से महज 3 किलोमीटर दूर लखनापुर ग्राम में स्थित यह मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है।

