सांसद ने सदन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को किया उजागर

सूरज गुप्ता
सिद्धार्थनगर

सांसद जगदंबिका पाल ने संसद में आज आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की विभिन्न समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार से उनके मानदेय वृद्धि, अवकाश, पेंशन एवं अन्य सुविधाओं की मांग की। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं सिर्फ पोषाहार वितरण तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे केंद्र एवं राज्य सरकार की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को भी लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पूरे भारत में 12,93,448 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 11,64,178 सहायिकाएं कार्यरत हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में 1,54,342 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 1,32,671 सहायिकाएं अपनी सेवाएं दे रही हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें 3-6 वर्ष के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना, स्वच्छता अभियान, पोषण अभियान एवं अन्य सरकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर लागू करना शामिल है। बावजूद इसके, इन्हें प्रतिमाह मात्र ₹6,000 का मानदेय मिलता है, जो इनके परिवार के भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नहीं है।

सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि Maternity Benefit (Amendment) Act, 2017 के अनुसार सभी महिला कर्मचारियों को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश दिया जाता है, लेकिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इसका कोई लाभ नहीं मिलता। इसके अतिरिक्त, अधिकतर आंगनवाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालयों में स्थित होते हैं और गर्मियों की छुट्टियों में स्कूल बंद रहने के बावजूद आंगनवाड़ी केंद्र खुले रहते हैं, लेकिन इन कार्यकर्ताओं के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है।

उन्होंने सरकार से यह मांग की कि, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि की जाए। ग्रीष्मकालीन अवकाश एवं मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जाए।, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन एवं आकस्मिक मृत्यु पर मुआवजे का प्रावधान किया जाए। सांसद जगदंबिका पाल ने सरकार से आग्रह किया कि इन महिला कार्यकर्ताओं की मेहनत को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द इन मांगों पर उचित निर्णय लिया जाए।

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