✒️ रिपोर्ट : आलोक मालपाणी

सहसवान/बदायूं : डी.पी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एन एस एस के सात दिवसीय विशेष शिविर का उदघाटन प्राचार्य डॉ निशान्त असीम ने किया।प्रथम दिवस वक्ताओं ने एन एस एस के गठन और उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और स्वयं सेवक व सेविकाओं को डायरी व वैज प्रदान किये गये।प्रचार्य डॉ निशान्त असीम ने एन.एस.एस. के बारे में बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की शुरुआत 24 सितंबर 1969 को इस उद्देश्य के साथ हुई थी कि इसके माध्यम से विद्यर्थियों में राष्ट्रनिर्माण व राष्ट्रसेवा की भावना उत्तपन्न की जा सके। निश्चित रूप से सरकार का यह ध्येय सफल रहा और आज स्वयंसेवक उसी राह पर राष्ट्रनिर्माण में लगे हुए हैं।

समाजशास्त्र प्रवक्ता डॉ. एम.पी. सिंह ने कहा कि एनएसएस का प्रतीक, उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के विशाल रथ चक्र पर से लिया गया है। वहीं एन एस एस के बैज में लाल रंग एनएसएस स्वयंसेवकों की ऊर्जा की भावना को दर्शाता है।भूगोल प्रवक्ता मोहित भारद्वाज ने कहा कि एन.एस.एस. से सम्बंधित वस्तुओं का नीला ब्रह्मांड को दर्शाता है। जिसमें एनएसएस भी विद्यमान है।वाणिज्य प्रवक्ता तृप्ति सक्सेना ने कहा कि एन.एस.एस के द्वारा स्वयंसेवक कुशल सामाजिक कार्यकर्ता, श्रेष्ठ प्रशासक, प्रबुद्ध नागरिक बनते हैं।

डॉ. नीलोफर खान, प्रो. विनोद यादव, हरीश राठौर, निक्की माहेश्वरी, नितिन माहेश्वरी, ज्ञानेंद्र कश्यप, सुरजन यादव आदि प्रवक्ता गण उपस्थित रहे।छात्र शिवम ने एक दिवसीय शिविरों की आख्या प्रस्तुत की। योगिता, धनुष पाल, अमित, शिवम, शिवम शर्मा, अल्फ़ाज़, कालीचरण,पूजा,नीलम,शारदा,निक्की,खुशबू,चांदनी,पूनम,अनीता मोहम्मद शमी आदि का विशेष सहयोग रहा।कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता अनुष्का माहेश्वरी ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *