
अब तक गाय के गोबर से खाद बनाई जा रही थी। अब जनपद में गाय के गोबर से पेंट भी बनाया जा रहा है। इससे दीवारों की रंगाई-पुताई भी होगी। यह ब्रांडेड कम्पनियों से अधिक सस्ता और टिकाऊ होगा। गोबर से बने पेंट से पक्की दीवारें चमकेंगी। इस प्लांट की वजह से स्वयं सहायता समूहों की 350 महिलाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है। गाय के गोबर से बना पेंट पर्यावरण के बिल्कुल अनुकूल, एंटी बैक्ट्रीरियल, एंटी फंगल, सामान्य पेंट के मुकाबले यह सस्ता और गंधरहित रहेगा।
शुक्रवार को जिलाधिकारी दीपा रंजन एवं मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज ने विकास खण्ड सालारपुर के अन्तर्गत ग्राम रफियाबाद में वृहद गौ-संरक्षण केन्द्र के अन्दर शिव पार्वती महिला स्वयं सहायता समूह घटपुरी में प्राकृतिक पेंट फैक्ट्री, का निरीक्षण किया। यहां फैक्ट्री में गौवंश के गोबर से पेंट का निर्माण कराया जा रहा है। फैक्ट्री के लगभग एक़ माह के संचालन में छह लाख रूपए का लाभ हो रहा है, जिसमें 350 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं गौशाला को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
डीएम ने कहा कि इस प्लांट में गाय के गोबर को प्रयोग में लाकर प्राकृतिक पेंट बनाया जा रहा है। इस उद्योग को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्धारा संचालित किया जा रहा है। बैंक से लोन लेकर इस प्लांट को स्थापित किया गया है। प्रतिदिन लगभग तीन हजार लीटर पेंट का उत्पाद किया जा रहा है। इस उद्योग से ग्राम पंचायतों, सरकारी स्कूलों, सरकारी बिल्डिंग आदि को पेंट कराने का लक्ष्य तय किया गया है। इस समूह को प्रतिमाह छह लाख रुपए की आमदनी हो रही है।
उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयास से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी और इसी प्रकार से अन्य उत्पाद बनाए जाएंगे।
✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी बदायूं
