रिपोर्ट:रोहित सेठ

वाराणसी: सी.एस.एस. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल मार्केटिंग के सहयोग से एस.एम.एस. वाराणसी द्वारा आयोजित फार्म प्रोड्यूसर उद्यमिता और विपणन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। एस.एम.एस. वाराणसी में उद्यमिता, नवाचार और कौशल विकास केंद्र के नेतृत्व में इस पहल का उद्देश्य किसानों को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान के साथ सशक्त बनाना था। समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित बी.एच.यू. के प्रबंधन विज्ञान संकाय के प्रोफेसर आर. के. लोधवाल ने आज के गतिशील कृषि परिदृश्य में किसानों को उद्यमियों के रूप में सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया गया। उन्होंने कृषि उपज का मूल्य बढ़ाने और किसानों के लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए नवीन विपणन तकनीकों की आवश्यकता पर बल दिया।

समापन सत्र में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कुलसचिव श्री संजय गुप्ता ने उद्यमिता को बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम जैसी सहयोगी पहल के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि आज पेशेवर उद्यमिता के दौर में जरूरी है बाजार की मांग का विश्लेषण कर कृषि, फसल उत्पादन की योजना बनाई जानी चाहिए।

कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर आर.के. सिंह ने पैदावार और लाभप्रदता को अनुकूलित करने के लिए पारंपरिक कृषि पद्धतियों के साथ तकनीकी प्रगति को एकीकृत करने के महत्व पर व्यावहारिक दृष्टिकोण साझा किया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन सत्र अपने में श्री राजेश भाटिया, राष्ट्रीय सचिव- आईआईए और लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष ने कहा कि कृषि उपज की पूरी क्षमता को उजागर करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के उत्थान के लिए नवीन विपणन रणनीतियों का लाभ उठाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में उद्यमिता और विपणन के लिए नवीन दृष्टिकोण तलाशने के इच्छुक किसानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम निःसंदेह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रहा.

समापन सत्र का संचालन डॉ. सोफ़िया खान ने व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रामगोपाल गुप्ता ने दिया।

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