बिसौली/बदायूं : जब जब धरती पर अत्याचार की अधिकता होती है तब तब प्रभु अवतरित होकर अपने भक्तों का उद्धार करते हैं। भगवान विष्णु ने कंस जैसे दानवों का संहार करने के लिए देवकी के गर्भ से कान्हा के रूप में अवतार लिया। उक्त उदगार प्रसिद्ध कथाव्यास छबीली शरण महाराज ने ओम शारदा फार्म्स दौलतपुर गोंटिया में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने वामन अवतार, राम जन्म व कृष्ण जन्म की कथा सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की के उदघोष से मानो पूरा पंडाल ही वृंदावन के रूप में तब्दील हो गया। महाराज जी ने कहा कि कृष्ण जन्म होते ही देवकी व वासुदेव बंधनमुक्त हो गए। कारागार के ताले खुद खुल गए जबकि सारे पहरेदार गहरी निद्रा में चले गए। वासुदेव अपने कलेजे के टुकड़े को नंद के घर यशोदा के पास सुलाकर वापस आ गए। महाराज ने कान्हा की बाल लीलाओं का वर्णन अपनी मधुर आवाज में किया तो पंडाल में बैठे भक्त भाव विभोर हो गए। कथा के दौरान अजय कुमार गुप्ता, डा. मनोज माहेश्वरी, संजय, सुधीर गुप्ता, प्रीती, आकांक्षा, नीलम, प्रदीप, अनीता, ममता, मुकेश गुप्ता, प्रवीण, वासवी, अभिनव आदि प्रमुखता से मौजूद रहे।

✍️ रिपोर्ट : आई एम खान संवाददाता बिसौली

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